Life is What Your thoughts make it.....
मैं आपको बताना चाहूंगा की इस दुनिया का सब से आश्चर्यजनक रहस्य क्या है इस बात को अभी बहुत लंबा समय नहीं गुजरा है , इंटर्व्यू के दौरान किसी एक रिपोर्टर ने पूछा, " आदमी के साथ सबसे गलत बात क्या है?"| बह डॉक्टर एक पल मौन रहें और फिर उन्होंने कहा कि सिर्फ ये है की आज हम एक सुनहरे युग में रहे ये वो दौर है जिसके ये आदमी हजारों वर्षों से सपना देखा है आज वही सामने आ गया है पर हम आज भी मालुम नहीं है |
चलिए हम ऐसे 100 लोगों को लेते हैं जिन्होंने 25 वर्ष की उम्र में अपने कैरिअर की शुरुआत की ये आपको अनुमान है कि 65 वर्ष की मच गई इनके साथ क्या होगा 25 की उम्र में ही शुरुआत करते हुए इन सब का विश्वास है की ये कामयाब होंगे के क्या तो वो कहे तौर पर होगा की उसकी अभी जीवन के प्रति एक जिज्ञासा है आँखों में खास तरह की चमक और एक सुदृढ़ता है और जीवन उसके सामने एक खूबसूरत एक रोचक अभियान की तरह होगा लेकिन 65 वर्ष की उम्र आते आते जानते हैं क्या होगा 65 वर्ष की उम्र तक उनमें से एक अमीर बन गया होगा चार रूप से आत्मनिर्भर चूके होंगे इस उम्र में भी काम कर रहे होंगे और बाकी 90 टूट चूके होंगे अब ज़रा एक पल सोचिए 100 लोगों में से पांच ज्यादा नाकाम उस चमक उस जानकारी का क्या हुआ जो 25 वर्ष की उम्र में उनके भीतर थी येस अपने बेडरूम मी देवी योजनाएं क्या हुई आदमी जो करना चाहता है और जो कहे उस के बीच इतना बड़ा अंतर क्यों है जब हम यह कहते हैं कि सिर्फ 5% नहीं सफलता हासिल की तो हमें सफलता को स्पष्ट भी करना होगा और ये है सफलता की परिभाषा सफलता का अर्थ है किसी महान लक्ष्य को स्पष्ट निर्धारित कर उस दिशा में आगे बढ़ना अगर एक आदमी पहले से निर्धारित लक्ष्य की दिशा में काम कर रहा है और जानता है कि वो कहाँ जा रहा है और कहा उसे जाना है तो वही आदमी सफल है यदि वो ऐसा नहीं कर रहा है तो वो असफल हैं यानी सफलता निर्धारित लक्ष्य को समझते हुए उस दिशा में आगे बढ़ना हैवो है अनुरूपता यानी बिना सोचे समझे भीड़ के अनुरूप चलने की बनस्थली अधिकांश लोग वैसा ही कर रहे हैं जैसा दूसरे कर रहे हैं ये जाने समझे बगैर क्यों लगभग 7:00 बज के उम्र से कम करना शुरू कर देते हैं 25 के होते होते हम रोज़ी रोटी कमाना शुरू कर देते हैं साथ ही परिवार के लिए भी लेकिन 65 वर्ष की उम्र का होने पर भी हम ये नहीं सीख पाते की आप के रूप से आत्मनिर्भर और कैसे हुआ जाए स्टेट की हम बस औरों की लीक पर चलते और मुश्किल यही है की हम समाज के उस बड़े और गलत प्रतिशत का अनुकरण कर रहे हैं यानी उन 95% का जो नहीं हुए अब सवाल ये है की ये लोग इतनी बड़ी संख्या में लोग औरों की नकल क्यों करते हैं इसका उत्तर भी नहीं जानते इन लोगों का विश्वास है कि परिस्थितियों ने उनका जीवन एक में कर दिया है ऐसे लोग बाहर से बाहरी शक्तियां से निर्देशित होने वाले लोग एक बार बहुत सारे कामकाजी लोगों पर एक सर्वे किया गया और उनसे यह सवाल पूछे गए कि आप काम क्यों करते हैं सुबह सवेरे क्यों उठते हैं 20 में से 19 लोगों के पास इसका कोई कारण नहीं है यदि आप उन से पूछे तो वे कहेंगे सभी लोग सवेरे उठकर काम पर निकल जाते हैं और यही कारण था ये पैसे करते थे क्योंकि बाकी लोग भी ऐसा ही कर रहे अब हम सफलता की अपनी परिभाषा पर वापस चलें सफल कौन होता है सिर्फ वही आदमी जो अपना लक्ष्य स्पष्ट कर फिर उसकी तरफ आगे बढ़ता है ऐसा आदमी कहता है मुझे जीवन में ये बनना है और फिर उस दिशा में काम शुरू करता है मैं आपको बताता हूँ कि सफल लोग कौन हैं वो स्कूल टीचर सफल है जो बच्चों को इसलिए पढ़ा रही है क्योंकि वो यही करना चाहती थी वो औरत अपने जीवन में सफल है जो एक पत्नी और एक माँ है क्योंकि वो पत्नी और माँ ही बनना चाहती थी और वो अपनी जिम्मेदारी अच्छी तरह निभा भी रही है वो कोने का गैस स्टेशन चलाने वाला आदमी सफल है क्योंकि उसने यही पेशा अपनाने का लक्ष्य निर्धारित किया था वो सेल्समैन कामयाब है जो एक टॉप सेल्स मैन बनना चाहता है और इसी उद्देश्य से अपना व्यवसाय जमाता है हर वो आदमी सफल है जो पहले से अपना सोचा और निर्धारित काम काफी सोच विचार कर रहा है क्योंकि ये वही काम है जिसे उसने सोच विचारकर करने का फैसला किया था लेकिन 20 में से सिर्फ एक आदमी ही ऐसा कर पाता है और किसी से कोई प्रतिस्पर्धा करने की जगह हमें स्वयं अपना कुछ मौलिक सृजित और स्थापित करना है लगभग 20 सालों तक मैं उस कुंजी की खोज करता रहा जिससे आदमी के आने वाले कल के बारे में पहले से ही सब कुछ मनमाफिक निर्धारित किया जा सके क्या ऐसी कोई कुंजी है मैं जानना चाहता हूँ जिससे भविष्य के बारे में सब कुछ तय कर दिया जाए और हम पहले से ही उसकी भविष्यवाणी कर सके क्या इसे कोई कुंजी है जो आदमी कुछ सफल होने की गारंटी दे सके आकाश आत्म इस कुंजी के बारे में जान सकें और इसे इस्तेमाल करना जान सकें मैं आपको बताऊँ ऐसी कुंजी उपलब्ध है और मैंने सिर्फ पाया भी है क्या आपको कभी इस बात पर हैरत हुई है कि दुनिया में इतने सारे लोग कड़ी मेहनत और ईमानदारी से काम करते हैं लेकिन उन्होंने जीवन में कुछ खास हासिल नहीं हो पाता जबकि कुछ लोगों को बिना मेहनत किये ही बहुत कुछ उपलब्ध हो जाता है यानी उनके हाथों में कोई जादू है जी हाँ आपने कई लोगों को कहते भी सुना होगा वो जीस चीज़ को भी छोड़ देता है सोना हो जाता है क्या आपने कभी गौर किया है कि एक आदमी जो अपने जीवन में कामयाब हुआ वो हमेशा सफलता की दिशा में ही प्रयत्नशील रहा जबकि असफल व्यक्ति हमेशा असफलता के दिशा में ही काम करता रहा ऐसा सिर्फ लक्ष्यों की वजह से ही हुआ हम में से कुछ लोगों के सामने लक्ष्य होते हैं और वे उसी दिशा में काम करते हैं जबकि कुछ लोगों के सामने कोई लक्ष्य ही नहीं होता लक्ष्य साथ रखने वाले व्यक्ति सफल होते ही क्योंकि उन्हें मालूम होता है कि किस दिशा में आगे बढ़ना है एक ऐसे जहाज के बारे में सोचिए जो बंदरगाह से बस चलने ही वाला है अपनी यात्रा के पूरे नक्शे और पूरी योजना के साथ जहाज के कैप्टन और चालक दल के सदस्यों को ये अच्छी तरह मालूम है कैसे कहाँ जाना है और कितना समय लगेगा इस जहाज के सामने एक स्पष्ट लक्ष्य स्पष्ट लक्ष्य और स्पष्ट मैप रखने वाला जहाज़ 10,000 बार अभियान में से 9999 बार अपनी उसी लक्ष्य पर पहुंचेगा जहाँ के लिए ये रवाना हुआ था यानी शत प्रतिशत लक्ष्य पर अब इसी तरह के एक दूसरे जहाज के बारे में सोचिए फर्क सिर्फ इतना है कि इस पर कोई कैप्टन नहीं है और न ही कोई चालक सदस्य इस जहाज के सामने कोई लक्ष्य नहीं है कोई उद्देश्य नहीं है बस इंजन स्टार्ट करके इसे जाने दिया जाता है मैं सोचता हूँ की आप भी मुझसे सहमत होंगे कि बंदरगाह से निकलने के बाद जहाज या तो डूब जाएगा या तूफ़ान में घिर जाएगा या फिर किसी वीरान टापू पर बंद हो जाएगा ये किसी स्थान पर पहुँच ही नहीं सकता क्योंकि इसके सामने ना तो कोई लक्ष्य है और ना ही इसके साथ कोई मार्गदर्शन बिल्कुल यही बात मनुष्य पर भी लागू होती है एक सेल्समैन का ही उदाहरण लीजिए आज दुनिया में कुशल सेल्समैन के व्यवसाय से बढ़कर कामयाबी की उम्मीद किसी और पेशे में नहीं है अगर हमारे सामने लक्ष्य स्पष्ट हों और हम अपने काम में होशियार हो तो सेलिंग प्रोफ़ेशन यानी बेकरी का व्यवसाय दुनिया का सबसे ज्यादा आमदनी वाला पेशा है आज हर कंपनी को होशियार से होशियार सेल्समैन की जरूरत है और वे उसे बढ़ा चढ़ाकर पारिश्रमिक देने को तैयार हैं उनके लिए तरक्की की असीम सम्भावनाएं लेकिन आपको ऐसे कुशल लोग कितने मिल पाते हैं किसी ने एक बार कहा भी था कि आज मानव जाति का पूरा ध्यान मजबूत लोगों को फायदा उठाने से रोकने में नहीं बल्कि कमजोर लोगों को नुकसान उठाने से रोकने में है आज अर्थव्यवस्था की तुलना एक भय से की जा सकती है जिसतरह काफिला उसी गति से आगे बढ़ता है जिससे उसकी सबसे धीमी गति वाली टुकड़ी भी साथ साथ चल सके ठीक उसी प्रकार आज पूरी अर्थव्यवस्था अपनी सबसे कमजोर कड़ी की हिफाजत में धीमी पड़ गई है इसलिए आज रोज़ी रोटी कमाना तो काफी आसान हो गया है आज आजीविका के लिए यह परिवार चलाने के लिए किसी खास बुद्धि या प्रतिभा की जरूरत भी नहीं पड़ती आम तौर पर आदमी रोज़ी रोटी की इसी सुरक्षा की तलाश में रहता है और ये तथ्य कथित सुरक्षा हमें उपलब्ध भी है लेकिन यह फैसला हमें करना है की सीमा रेखा से कितनी ऊँचाई का लक्ष्य हम अपने लिए निर्धारित करना चाहते हैं चलिए अब हम दुनिया के सबसे आश्चर्यजनक रहस्य पर यानी जो कहानी मैं आपको सुनाना चाहता हूँ उस पर वापस चलेंगें जीवन में स्पष्ट लक्ष्य रखने वाले लोग क्यों सफल होते हैं और लक्ष्यविहीन लोग क्यों असफल हो जाते हैं चलिए अब मैं आपको कुछ ऐसी बातें बताता हूँ जिन्हें आप अगर सच में समझ लेते हैं तो आपके जीवन में बहुत जल्दी बदलाव आएगा जो कुछ मैं आपसे कहने जा रहा हूँ अगर आप उसे पूरी तरह समझ लें तो आपका जीवन ऐसा नहीं रहेगा जो आज है आपको अचानक वो सौभाग्य मिल जायेगा जो अरसे से आप को लुभाता रहा है आप जो कुछ भी चाहते हैं वह सब आपके समक्ष साकार हो जाएगा और आप उन सभी चिंताओं समस्याओं और परिस्थितियों से मुक्त हो जाएंगे जो अरसे से आपको घेरे हुए थी शंकाएं और भय अतीत की चीज़े हो जाएगी सफलता और असफलता की कुंजी क्या है मैं आपको बदला ता हूँ हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बनते हैं मुझे एक बार फिर दोहराने दीजिये हम जैसा सोचते हैं वैसा ही बनते हैं पूरे इतिहास में जो भी महान बुद्धिमान लोग हुए चाहे वह शिक्षक हो दार्शनिक हो या पैगंबर हो उनके विचारों में कई मुद्दों को लेकर मतभेद रहा है लेकिन एकमात्र इसी मु्द्दे पर वे पूरी तरह सहमत रही महान रोम समुदाय मारकस एरिया लिस्ट ने कहा था मनुष्य का जीवन वैसा ही बनता है जैसा उसके विचार उसे बनाते डिज़रेली ने इसी बात को इस प्रकार कहा है कि यदि मनुष्य चाहे और प्रतीक्षा करें तो हर चीज़ उसे हासिल हो सकती है बहुत लंबी और गहन चिंतन मनन के बाद मैं इस नतीजे पर पहुंचा हूँ कि निश्चित लक्ष्य वाला मनुष्य हर हाल में इसे पूरा करता है और अगर दृढ़ इच्छाशक्ति हो देश की राह में कोई अड़चन नहीं टिक सकती राहुल वाल्डो इमर्शन का कहना है कि एक आदमी वैसा ही बनता है जैसा वह पूरे दिन भर सोचता है बलि हम जेम्स ने कहा था मेरी पीढ़ी की सबसे बड़ी खोज यही है की मनुष्य अपनी सोच और अपने विचारों में परिवर्तन लाकर अपने जीवन को भी बदल सकता है और उन्होंने ये भी कहा कि जरूरत सिर्फ इस बात की है कि हम अपने जीवन में वांछित चीजों को वास्तव में हुआ मान धीरे धीरे इस सोच का जीवन से ऐसा संपर्क स्थापित होता चला जाएगा कि वांछित चीजें वास्तव में यथार्थ बन दरअसल हमारी सोच हमारी आदतों और भावनाओं से कदर है कि हमारा विश्वास साकार हो जाता है विलियम जेम्स ने ये भी कहा था कि यदि आप किसी परिणाम विशेष के बारे में काफी ज्यादा सोचे तो आप निश्चित तौर पर उसे हासिल भी कर लेंगे अगर आप अमीर बनने की इच्छा रखते हैं तो आप निश्चित तौर पर अमीर बन जाएंगे यदि आपके द्वान बनना चाहते हैं तो विद्वान बनेंगे इसी प्रकार यदि आप भला बनना चाहते हैं तो निश्चित तौर पर भले बन जाएंगे आपको सिर्फ ये करना है कि तो विशेष या लक्ष्य के लिए वास्तविक इच्छा शक्ति विकसित करें और उस दौरान एकमात्र वहीं लक्ष्य आपके सामने हो ऐसा ना हो के एक ही समय सैकड़ों अलग अलग चीजों पर आपका ध्यान बढ़ गई आपको बाइबल का वो खत्म याद होगा कि जो विश्वास करता है उसके लिए सब कुछ संभव है डॉक्टर नॉर्मल ने कहा है कि पूरी सृष्टि के महानतम नियमों में से एक है कि अगर आपकी सोच नकारात्मक हो नकारात्मक परिणाम क्या आपके सामने आएँगे और यदि आप सकारात्मक सोचें तो जो भी आप कहेंगे उसका नतीजा आपकी सकारात्मक होगा ये एक साधारण सी वास्तविकता है जो समृद्धि और सफलता के इस आश्चर्यजनक नियम का आधार है केवल चार शब्दों में कहा जाए तो विश्वास करो सफलता पांव इसे इस तरह का है की हमारी शंकाएं इतनी विश्वास है कि हमें कोशिश करने से भी कर देती है और हम उन सभी मोर्चों पर हार जाते हैं हम जीत सकते थे जॉर्ज बदमाशों का कहना है कि लोग अपनी हालत के लिए हमेशा अपनी परिस्थितियों को हासिल करने वाले लोग हैं जिन्होंने काम की शुरुआत की और किसी ने भी इस पर विश्वास किया है उसमें सफलता हासिल की है इसके बारे में सोचते हैं इसलिए अगर हम किसी पोस्ट और के बारे में सोचें तो हम जरूर करेंगे दूसरी ओर को आदमी जिसके सामने कोई नहीं मालूम कहाँ जाना है और इसी वजह से चिंता और परेशानियों में क्या है वैसा ही हो जायेगा जैसे की वो सोच रहा है और अगर ऐसा है की वो किसी भी चीज़ के बारे में नहीं सोचा है तो वो आदमी कुछ भी नहीं बन पायेगा आइये अब ये समझिये सारा कुछ कैसे काम करता है तो हम बैसाखी बन जाते हैं जैसा कि हम सोचते हैं मैं आपको बताता हूँ की ये सारा कुछ क्यों और कैसे होता है कल्पना कीजिये की किसान के पास थोड़ी कमी है कमी बड़ी अच्छी हो गए जमीन में क्या बोला ये फैसला पूरी तरह का है वो जो चाहिये जमीन को इससे कोई मतलब नहीं है ये गांधीजी की मनुष्य का मन भी जमीन के ही समान है बल्कि यह मान की तुलना में ही जमीन का कारण रहे हैं जमीन के हित है मन को इस बात से कोई मतलब नहीं है की आप उसमें कैसे विचार बोलते है बस जो कुछ भी इसमें हो जाएगा तो उसी की फसलें आपको वापस लौट आएगा यही बात हैं सकारात्मक और नकारात्मक विचारों के साथ यदि आप सकारात्मक विचार बोलेंगे तो कामयाबी की फसल काटेंगे और यदि नकारात्मक विचार बोलेंगे तो नाकामी ही हाथ लगेंगी कल्पना कीजिए कि उस किसान के हाथ में दो तरह के पीछे एक तो किसी अनाज का और दूसरा किसी जहरीले पहुंचेगा किसान जमीन में दो स्थानों पर दोनों बच्चों को देता है वो उन स्थानों पर पानी रहता है और उनकी देखभाल करता है हम जो कुछ बोला गया है उसे वापस लौट आती है दोनों पौधे होते हैं ये करने का और दूसरा जहरीला में कहा गया है आप जैसा बोलेंगे वैसा ही काटेंगे याद रखिये की जमीन को इस बात से मतलब नहीं है की वो अन्य लौट रही है या सहन हमारे मस्तिष्क जमीन से कहीं ज्यादा भरोसेमंद है कहीं ज्यादा उर्वरक और कहीं ज्यादा चमत्कारी लेकिन ये जमीन के सिद्धांत पर ही काम करता है ये भी इस बात की चिंता नहीं करता की हम इसमें क्या बोल रहे है बस जो कुछ बोला जायेगा उसे ही इसे वापस लौटाना है चाहे वो सफलता हो असफलता हो एक निश्चित स्पष्ट लक्ष्य हो या असमंजस की स्थिति हो या चिंता को कुछ भी हो बस जो भी हम इसमें डालेंगे वही हमें वापस लौट आएगा आपको मालूम है कि मानव मस्तिष्क आज इस धरती पर एकमात्र अंत महादेश है जिसका आज तक अन्वेषण नहीं हुआ है इसमें हमारी कल्पना से भी परे सुख समृद्धि भरी पड़ी है अगर हम सकारात्मक विचार डालें तो ये भारी सफलता और सुख समृद्धि हमें वापस लौट आएगा आप कह सकते हैं कि यदि यह सही है तो लोग अपने मस्तिष्क का इस्तेमाल क्यों नहीं करते लोगों के पास इसका भी जवाब है हमारा मस्तिष्क के एक उन्नत यंत्र के रूप में हमें जन्म से ही मिला हुआ निशुल्क मुफ्त और जो चीजें हमें मुफ्त मिलती है उनको हम बहुत कम महत्त्व देते हैं महत्त्व देते हैं उन चीजों को जो पैसे से आती है जबकि हकीकत में इसकी विपरीत बात ही सही होती है आप जो भी चीजें हमारे जीवन में वास्तव में महत्वपूर्ण है वो हमें है हमारा मस्तिष्क हमारी आत्मा हमारा शरीर हमारी आशाएं हमारे सपने हमारी आकांक्षाएं हमारी बुद्धि परिवार बच्चों और दोस्तों का प्रेम यहा तक की प्रकृति का उपहार हवा धूप और पानी ये सभी अनमोल चीज़ है हमें निशुल्क मिली हुई है और जिन चीजों के लिए हम पैसे खर्च नहीं हैं वे इनके मुकाबले काफी हल्की है और उन्हें किसी भी चीज़ से खेला जा सकता है लेकिन प्रकृति की ओर से नैचरल कमी चीजें तभी बदली नहीं जा सकती और दूसरी बात ये है कि मानव मन की शक्ति यों का भरपूर उपयोग नहीं हुआ मन इतना शक्तिशाली है कि इसे जो भी काम सौंपा जाए कर सकता है लेकिन आम तौर पर हम बड़े और महत्वपूर्ण कामों के बदले छोटे मोटे कामों के लिए इसका इस्तेमाल करते हैं कई विश्वविद्यालय ने यह साबित कर दिया है हम में से अधिकांश लोग अपनी क्षमता का 10% ही इस्तेमाल करते हैं हमारी क्षमता यूं ही अनछुए रह जाती है अब आप फैसला कीजिए कि आपको क्या करना है अपना लक्ष्य अपने मस्तिष्क के रूप में जमीन में बोल दीजिये या आपके पूरे जीवन का सबसे महत्वपूर्ण फैसला है आप एक बेहद कामयाब सेल्स मैन बनना चाहते हैं कंपनी के कौशल और सक्रिय कर्मचारी के रूप में जगह जगह जाना चाहते हैं आपको सिर्फ ये करना है की लक्ष्य रूपी बीज का रोपण अपने दिलों दिमाग में करले से एकाग्रचित्त होकर इसकी देखभाल करें लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़े कार्यशील रहें और 1 दिन आपका सपना हकीकत में बदल जाएगा कोई सवाल ही नहीं है ऐसा ना हो आप समझ लीजिये की ये प्रकृति के अन्य नियमों की तरह एक नियम है जैसे न्यूटन का गुरुत्वाकर्षण का नियम है कि यदि आप किसी इमारत की छत से छलांग लगा दें आप नीचे खिलाएंगे ऊपर नहीं जा सकते प्रकृति के सभी नियम हमेशा सही होते है हमेशा तंग करते हैं आप भी बिल्कुल सकारात्मक दिशा में अपने लक्ष्य के बारे में सोचिये हमेशा जागी आँखों से सपना देखिये की आपने अपना लक्ष्य हासिल कर दिया है उन कामों के बारे में सोचिए और खुद को उन्हें करता हुआ भी देखिये जो लक्ष्य तक पहुंचने के बाद आपको करनी है आज हमारे समय के दौर को यदि औषधियों का योग या अल्सर और नर्वस ब्रेकडाउन का योग कहा जाए तो गलत नहीं होगा आज चिकित्सा विज्ञान दें स्वास्थ्य और लंबी उम्र पानी की दिशा में इतनी कामयाबी हासिल कर दी है लेकिन इसके बावजूद लोग समस्याओं से जूझने में तनावग्रस्त हो रहे हैं और खुद को असामयिक मौत की तरफ धकेल रहे हैं ऐसा इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्होंने महान प्राकृतिक नियमों को अपना नहीं सीखा जो हमारे लिए बेहद कारगर और लाभकारी है हमारे सोचने विचारने के तरीके में ही है छुपा है दरअसल हर व्यक्ति अपनी समस्त सोच का ही योग पल होता है वो स्वीकार करें या ना करे लेकिन वो आज जहाज इस स्थिति में भी है वो उसकी अपनी सोच का ही नतीजा है हम में से हर एक को भविष्य में भी अपनी आज की सोच का ही प्रतिफल मिलने वाला है क्योंकि आज कल या अगले महीने या अगले वर्ष हमारी सोच की जो दिशा रहेंगी उसी से हमारा भविष्य हमारा जीवन निर्धारित होगा आपका मन मस्तिष्क ही आपके संपूर्ण व्यक्तित्व और जीवन को निर्देशित करता है मुझे याद है एक बार मैं कहीं जा रहा था रास्ते में सड़क किनारे मैंने एक भारी भरकम मशीन को भीषण आवाज के साथ काम करते देखा मशीन एक बार में करीब 20 टन मिट्टी उठा रही थी और एक छोटा सा आदमी पहिया हाथों में थामे मशीन को निर्देशित कर रहा था एकदम से मुझे लगा कि इस मशीन की तुलना मानव मस्तिष्क से की जा सकती है और विशाल ऊर्जा के स्रोत इस मस्तिष्क के रूप में मशीन का नियंत्रण हमारे अपने हाथों में है क्या आप हाथ पर हाथ धरे बैठे रहेंगे और इस शक्तिशाली मशीन को किसी के भरोसे छोड़कर किसी खड्ड में गिर जाने देंगे या आप दोनों हाथ मजबूती से इसके पर जमाए रखेंगे और इसकी ताकत किसी खास उद्देश्य के लिए लगाएंगे ये दोनों विकल्प आपके ऊपर है क्योंकि आप ड्राइविंग सीट पर बैठे हैं और मशीन का नियंत्रण आपके हाथों में है अब देखाना आपने की हमें सफलता प्रदान करने वाला नियम भी एक दोधारी तलवार की तरह है हमें अपनी सोच अपने विचारों पर नियंत्रण रखना चाहिए विचारों का ये नियम जहाँ एक और आदमी को सफलता सुख और समृद्धि की ओर ले जाता है उसे जीवन में बे खुशियां उपलब्ध कराता है जिनका उसने अपने और अपने परिवार के लिए कभी सपना देखा था वहीं दूसरी ओर यही नियम उसे गटर में भी धकेल सकता है सब कुछ इस बात पर निर्भर करता है कि मनुष्य किस तरह इस नियम का इस्तेमाल करता है यही है दुनिया का सबसे आश्चर्यजनक रहस्य अब सवाल यह है कि मैं इसे आश्चर्यजनक क्यों कहूं और रहस्य भी क्यों कहु वास्तव में यह कोई रहस्य तो बिल्कुल नहीं है पहले पहले किसी बुद्धिमान व्यक्ति ने इस प्राकृतिक नियम की सच्चाई कमाई की थी और बाद में पूरी बाइबल में बार बार इसका जिक्र हुआ है लेकिन बहुत थोड़े लोगों ने इसे समझा और सीखा है यही कारण है कि यह लोगों के लिए आश्चर्यजनक है और इसी वजह से यह रहस्य भी बना रहा है मेरा विश्वास है कि यदि आप अपने शहर की गलियों में जाएं और एक एक कर हर व्यक्ति से पूछने की सफलता का रहस्य क्या है तो आपको महीने भर की कोशिश के बाद ऐसा एक भी आदमी नहीं मिलेगा जो आपको ये बता सकें आज जो कुछ हमने जाना है वो हमारे लिए वास्तव में अत्यंत मूल्यवान है यदि हमें इसे समझकर इसे जीवन में लागू भी कर सके ये ना सिर्फ हमारे लिए बल्कि हमसे जुड़ें और हमारे आसपास के हर व्यक्ति के लिए महत्वपूर्ण है जीवन को नीरस और नहीं बल्कि एक उत्तेजनापूर्ण अभियान होना चाहिए आदमी को अपनी जिंदगी पूरी जिंदादिली से भरपूर जी नहीं चाहिए उसे सुबह सवेरे नींद टूटने पर खुश होना चाहिए उसे अपना मनपसंद व्यवसाय करना चाहिए क्योंकि वो इसे बेहतर ढंग से करता है एक बार मैंने एक दैनिक की संपादक का व्याख्यान सुना था उन्होंने जो कुछ कहा उसे मैं कभी भुला नहीं पाया उन्होंने कुछ इस तरह कहा था कि अपने व्यवसाय में मैंने कई बातें जाननी एक के लोग मूल रूप से भरे होते हैं और यह भी कि हम सभी कहीं से आये हैं और हमें कहीं जाना है इसलिए इस धरती पर बीच का समय हम एक रोमांचक अभियान की तरह बिताना है सृष्टि के रचयिता कहीं पहुंचने के लिए कोई सीढ़ी नहीं बनाई है लेकिन उस महान शिक्षक ने उस रचयिता ने समय समय पर इस रहस्य का उद्घाटन किया है कि तुम जैसा विश्वास करोगे वो तुम्हारे समक्ष सत्यापन कर अवतरित होगा मैं आपको परीक्षा का एक मौका देना चाहता हूँ ये परीक्षा 30 दिनों तक चलेगी यदि आपने अच्छी परीक्षा दी तो ये आपके जीवन को बेहतर से बेहतर रूप में पूरी तरह बदल दी की शताब्दी में वापस लौटे जब महान वैज्ञानिक न्यूटन में हमें भौतिकी के कुछ नियम बदले थे जो मनुष्य पर भी उतनी ही सच्चाई से लागू होते हैं जितनी की सृष्टि की अन्य वस्तुओं पर इन नियमों में से एक है कि प्रत्येक क्रिया की बिल्कुल समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है यदि हम अपने आप पर इसे लागू करे तो इसका मतलब है कि हम मूल्य चुकाए बिना कुछ भी हासिल नहीं कर सकते 30 दिनों के आप के प्रयोग का नतीजा बिल्कुल उसी अनुपात में होकर इस अनुपात में आपने प्रयास किया होगा एक डॉक्टर बनने के लिए आपको कई वर्षों तक कठिन परिश्रम और अध्ययन करने का मूल्य चुकाना होगा उसी तरह औरों को समझाने या सहमत कराने में या बिक्री के व्यवसाय में भी हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करेगी कि चीजों को बेचने की या विचारों को दूसरों तक पहुंचाने की या स्वीकृत कराने की भी हमारी क्षमता कितनी है लेकिन औरों को बेहतर जीवन पाने का तरीका समझाने में हमारी सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने प्रयास में कितना मूल्य चुकाते हैं और हमें यह मूल्य चुकाने को तैयार भी रहना चाहिए अब सवाल है कि यह मूल्य है क्या इसमें कई बातें पहली तो ये की हमें बौद्धिक रूप से और भावनात्मक रूप से ये समझ लेना चाहिए कि हम जैसा सोचते हैं बिल्कुल वैसा ही बनते भी हैं इसलिए अपने जीवन को नियंत्रित करने के लिए हमें अपने विचारों को नियंत्रित करना होगा यानी हमें अच्छी तरह समझ लेना होगा कि जैसा हम बोएंगे वैसा ही काटेंगे दूसरी बात हमें अपने मन से सभी अड़चनों और को काटने का होगा और यह सोचकर काम को अधिकतम आगे बढ़ाना होगा की यहीं काम हमारे लिए दैवीय रूप से निर्धारित है यानी ये समझना होगा कि सभी सीमा रेखाएँ हमारी खुद की बनाई हुई है और हमारे सामने कल्पना से भी बढ़कर अवसर मौजूद हैं अर्थात हमें तमाम संकीर्णताओं से और पूर्वाग्रहों से ऊपर उठना होगा तीसरी बात अपनी समस्या पर सकारात्मक रूप से सोचने के लिए खुद को प्रेरित करने में पूरी क्षमता और साहस का इस्तेमाल करना होगा और साथ ही अपने लिए एक निश्चित और स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने के लिए भी अपने मस्तिष्क को लक्ष्य के बारे में सभी संभव फोटो से विचार करने का अवसर देना होगा अपनी कल्पना को खुली छूट देनी होगी कि वो हर संभावित समाधान की परख कर सकें यह विश्वास करने से इनकार करना होगा कि लक्ष्य प्राप्ति के मार्ग में कभी कोई परिस्थिति आपको हरा भी सकती है जब आपको लक्ष्य की ओर ले जाने वाला मार्ग स्पष्ट दिखे तो बिल्कुल तत्परता से फैसला लेते हुए काम करना होगा और अपने आप को लगातार इस तथ्य से अवगत कराते रहना होगा कि आप अपनी उपलब्धियों के क्षेत्र के बीचोबीच खड़े हैं और चौथी बात की आप जो कुछ भी कमाए इसका 10% निश्चित रूप से बचाए यह हमेशा याद रखें कि आपका व्यवसाय चाहे जैसा भी है यदि आप मूल्य चुकाने को तैयार है तो उसमें अनंत संभावनाएँ भरी पड़ी है आइए हम उन महत्वपूर्ण बिंदुओं को दोहराने जो एक खूबसूरत जीवन बिताने के मूल्य के तौर पर हमें चुकाना है पहला हम वैसा ही बनेंगे जैसा हम सोचते हैं दूसरा कल्पना शब्द का महत्त्व समझे और अपने मस्तिष्क को ऊंची उड़ान भरने दें तीसरी बात साहस हर दिन अपने लक्ष्य पर एक और चौथी बात जो भी कमाए उसका 10% बचाएं साथ ही यह भी याद रखें कि कोई भी विचार तब तक व्यर्थ है जब तक हम उसे नहीं करते हैं और अब मैं 30 दिनों के परिश्रम को समझाने की कोशिश करूँगा अपने दिमाग में यह स्पष्ट कर लें कि इस परीक्षण में आप कुछ भी खोने नहीं जा रहे हैं मुमकिन है कि आप सब कुछ पा सकते हैं तू बातें हम सब बदलाव होती है हम सब कुछ ना कुछ चाहते हैं और हम सब किसी ना किसी चीज़ से भयभीत रहते हैं मैं चाहूंगा कि आप एक कार्ड पर लिखे की वो क्या चीज़ है जिसे आप सबसे ज्यादा चाहते हो सकता है की ये रुपया पैसा हो आप अपनी आमदनी दोगुनी करना चाहते हो या एक खास परिवार में रुपया कमाना चाहते हो हो सकता है कि आप एक खूबसूरत मकान चाहते हो या अपने व्यवसाय में कामयाबी चाहते हो या फिर जीवन में एक खास मकान की तमन्ना हो आपको या फिर परिवार में ज्यादा तालमेल और एकता की अभिलाषा हो हम सब कुछ ना कुछ की तमन्ना जरूर रखते हैं आप अपने कार्ड पर स्पष्ट लिखिये क्या आप की कामना क्या है ये निश्चित कर लीजिये की ये ही आपका एकमात्र और स्पष्ट लक्ष्य है आप अपना ये कार्ड किसी और को मत दिखाइए बल्कि उसे अपने पास रखिये ताकि आप दिनभर में कई बार इसे देख सकें इस पर लिखे गए के बारे में हर सुबह नींद से जागने पर प्रफुल और शांत चित्र से सोचिए दिन भर में जितनी बार मौका मिले इस कार्ड को देखिये और रात में सोने जाने से पहले भी देखिये कार्ड को देखते समय ये बात याद रखें कि आप वैसे ही बनते हैं जैसा आप सोचते हैं और क्योंकि अभी आप अपने लक्ष्य के बारे में सोच रहे हैं इसलिए ये समझिये कि बहुत जल्दी ही आप इस लक्ष्य को हासिल कर लेंगे दरअसल जीस पर आपने अपनी इच्छा कार्ड पर लिखी और उसके बारे में सोचना शुरू किया उसी पल से वो लक्ष्य आपका हो गया जब आप काम से बाहर निकलते हैं तो आसपास फैली प्रचुरता की ओर देखिये इस तरह की प्रचुरता पर आपका भी उतना ही अधिकार है जितना और उनका हैं यदि आप चाहें और प्रयत्न करें तो ये प्रचुरता आपकी हो सकती है अब हम थोड़ी मुश्किल हिस्से की तरफ आते है मुश्किल इसलिए की इसके अनुसार आपको कुछ नई आदतें विकसित करनी होगी और नहीं आदतें आसानी से नहीं बनती लेकिन अगर एक बार पढ़ जाये तो फिर जीवन भर आपके साथ बनी रहती है जीस चीज़ से भी आपको लगता हो उसके बारे में सोचना बंद कर दीजिये हर बार जब कोई भयानक और नकारात्मक विचार आपके मन में आये तो उसकी जगह पर अपने सकारात्मक और महत्वपूर्ण लक्ष्य का विचार उसकी सजीव कल्पना मन में ले आये इस दौरान ऐसा समय भी आएगा जब आपको लगेगा की ये प्रयास छोड़ दिया जाये ओके आदमी के लिए सकारात्मक सोचने की अपेक्षा नकारात्मक सोचना ज्यादा आसान होता है और यही वजह है कि सिर्फ 5% लोग ही कामयाब हो पाते हैं आपकी कोशिश होनी चाहिए की आप इसी प्रतिशत वाले वर्ग में अपनी जगह बनाए इन 30 दिनों के लिए आपके मस्तिष्क का नियंत्रण पूरी तरह आपके हाथों में होना चाहिए इस दौरान दिमाग को वही सोचना होगा जिसकी अनुमति आप दे 30 दिनों की इस परीक्षण अवधि के दौरान सिर्फ आप उससे भी ज्यादा काम करेंगे जितना आपको करना है इसके अलावा एक उत्साही सकारात्मक रुख बनाए रखने के लिए पहले से भी ज्यादा कोशिश करे ये सारा कुछ ये ध्यान रखते हुए करें कि जीवन में आपको उसी अनुपात में कुछ मिलेगा जैसे अनुपात में आप लगाएंगे जिंस क्षण आप किसी लक्ष्य की दिशा में काम करने का फैसला करते हैं उसी क्षण आप एक सफल व्यक्ति बन जाते हैं क्योंकि आप उसी क्षण ऐसे सफल लोगों की श्रेणी में आ जाते हैं जिन्हें मालूम है कि वे किधर जा रहे हैं इसका मतलब है कि लक्ष्य निर्धारित करने के साथ ही आप प्रत्येक 100 में से शीर्ष के पांच लोगों में आ गई लक्ष्य किस तरह हासिल किया जाए इस चिंता में अपने आप को बहुत ज्यादा जाये इसे पूरी तरह उस शक्ति पर छोड़ दीजिए जो आपसे ज्यादा समर्थ हैं आपको सिर्फ ये मालूम करना है कि आप किधर जा रहे हैं इस दिशा में जा रहे हैं बाकी के सारे प्रश्न जैसे जैसे सामने आएँगे उनका जवाब भी खुद ब खुद मिलता जायेगा आप धर्मों प्रदेश के ये शब्द याद रखिये और उन्हें परीक्षण के दौरान हर दिन अपने सामने रखिये प्रश्न पूछो और उसका जवाब तुम्हें प्राप्त होगा खोजों और तुम उसे पालोगे दस्तक दो तुम्हारे द्वार खोलेगा क्योंकि हर व्यक्ति जो जिज्ञासा रखता है उत्तर पता है जो ढूँढता है उसे प्राप्त होता है और जो दस्तक देता है उसके लिए द्वार खोलता है ये सब जीतने सहज है उतने ही चमत्कारी थी दरअसल ये सिद्धांत इतना सरल है कि हमारे कठिन शब्दों में उलझकर इसे समझना शायद ज्यादा मुश्किल होगा बस आपके लिए जरूरी है कि इन 30 दिनों के दौरान आपके सामने स्पष्ट लक्ष्य हो और उसे पूरा करने का विश्वास भी चाहे आप किसी भी पेशे से जुड़े हों तो 30 दिनों के दौरान अपना सर्वोत्तम प्रदर्शन करे जैसा अब तक आपने पहले कभी नहीं किया हर दिन अपना लक्ष्य अपने सामने रखें उसके बाद जीवन का जो नया पहलू आपके सामने होगा उस पर आपको खुद आश्चर्य होगा प्रसिद्ध संपादिका और लेखिका ने अपने लिए इस राज़ को ढूंढ़ निकाला अपनी पुस्तक वे कप में इस बारे में उन्होंने लिखा है उनका पूरा चिंतन मनन और दर्शन जैसे इन शब्दों में समा गया है इस तरह काम करो मानो असफल होना असंभव है ने अपनी परीक्षण अवधि पूरी ईमानदारी और विश्वास से पूरी की और आश्चर्यजनक सफलता ने उनके पूरे जीवन में बदलाव ला दिया अब आप 30 दिनों तक अपना परिश्रम करे लेकिन तब तक परीक्षण शुरू ना करें जब तक आप इससे जुड़े रहने के लिए खुद को पूरी तरह तैयार ना कर लें आप पाएंगे कि दृढ़ लगनशील होने की वजह से आप में विश्वास भी झलक रहा है कहा जा सकता है कि दृढ़ लगन विश्वास का ही दूसरा नाम है यदि आपको विश्वास नहीं है तो आप कभी भी लगन से काम नहीं कर सकते यदि 30 दिनों के परीक्षण के दौरान आप असफल हो जाए यानी नकारात्मक विचारों से पराजित हो जाये तो फिर से शुरुआत करें धीरे धीरे आप की नई आदत बन जाएगी और आप अपने आप को उनके चुने लोगों में पाएंगे जिनके सामने कुछ भी असंभव नहीं है आप अपने कार्ड को मत भूलें जब आप जीने का ये नया ढंग शुरू करते हैं तो ये कार्ड आपके लिए न्याय जरूरी है इसकी एक तरफ आप अपना लक्ष्य लिखें जो भी आपका लक्ष्य हो और दूसरी तरफ धर्मों प्रदेश की ये पंक्तियाँ लिखें पूछो और वह तुम्हें मिलेगा डॉ और तुम उसे निश्चित पाओगे दस्तक दो और तुम्हारे तुम्हारे लिए खुलेगा परीक्षण के दौरान अपने खाली समय में प्रेरक पुस्तकें पढ़ें या आपके लिए काफी उपयोगी रहेंगी जीवन में कभी भी कोई महान कार्य बिना प्रेरणा के संपन्न नहीं हो सका है ये ध्यान रखें कि परीक्षण अवधि के 30 दिनों के दौरान आपकी प्रेरणा अपने शीर्ष पर रहे सबसे बड़ी बात की आप चिंता बिलकुल ना करें चिंता भाई को जन्म देती है और भय जीवन को तोड़ देता है याद रखें कि आपको अपना लक्ष्य अपने सामने बिल्कुल स्पष्ट रखना है बाकी सारी चीजें खुद ब खुद तय होती चली जाएगी ये भी ध्यान रखें कि आप हमेशा शांत और प्रसन्नचित्त बने रहे किसी भी छोटी मोटी बात को इजाजत न दें की वो आपको परेशान ना करे और मार्ग से हटा दें हो सकता है कि परीक्षा को कठिन जानकर कोई कहे कि मैं इसकी चिंता क्यों करूँ देखिए जीवन में कोई भी असफल होना नहीं चाहता कोई भी कचरा रहना नहीं चाहता कोई नहीं चाहता कि जीवन चिंता भय और निराशा से भरा हो इसलिए आपको हमेशा याद रखना है कि आप जो बोलेंगे वही काटेंगे अगर आप नकारात्मक विचारों की फसल बोते हैं तो आप नकारात्मक सोच से भी भरे रहेंगे और यदि सकारात्मक विचार बोलते हैं तो आपका जीवन सफल और सकारात्मक बने का और अब एक बात और अक्सर ऐसी प्रवृत्ति देखी जाती है की सुनी गई बातें धीरे धीरे फूलने लगती है इसलिए इस रिकॉर्ड को बीच बीच में बचाकर अपने आप को याद दिलाते रहे की नई आदत विकसित करने के लिए आपको क्या करना है पर अपने पूरे परिवार के साथ बैठकर इसे सुनने आपको ऐसे बहुत सारे मिलेंगे जिनका कहना होगा कि वे इस नियम को जाने समझे सीखे बिना ही पैसा कमाना चाहते हैं ये वैसे लोग हैं जो बिना कोई परिश्रम किये बिना कोई कीमत चुकाए मुफ्त में ही बहुत कुछ पाना चाहते हैं और ऐसे लोग जीवन में असफल रहते हैं यहाँ जायज और सार्थक ढंग से पैसा कमाने का सर्वोत्तम तरीका है कि लोगों को उपयोगी और आवश्यक वस्तुएं तथा सेवाएं उपलब्ध कराई जाएगी हम अपने उत्पाद और सेवाओं का लोगो को पैसो से करते हैं इसलिए प्रामाणिक नियम के अनुसार हमें उसी अनुपात में आर्थिक लाभ हासिल होगा इस अनुपात में हम लोगों की सेवा करेंगे सफलता कभी भी पैसा कमाने का परिणाम नहीं है बल्कि इसके विपरीत सफलता के परिणाम स्वरूप ही हम पैसा कमा पाते हैं और सफलता हमें उसी अनुपात में हासिल होगी जीस अनुपात में हम परिश्रम करेंगे लोगों को अपनी सेवाएं उपलब्ध कराएंगे अधिकांश लोग इस नियम को उल्टा समझते हैं उनका मानना होता है की अगर आप भरपूर पैसा कमा रहे हैं सफल जबकि सच्चाई ये है कि आप ऐसा तभी कमा सकते हैं जब पहले आप सफलता प्राप्त कर दें अन्यथा उस आदमी की कहानी का उदाहरण ही बनेगा जो के पास बैठ गया और कहने लगा की पहले मुझे आज दो तब मैं लकड़ियां डालूँगा आप क्या मानते आज दुनिया में कितने लोगों का जीवन के प्रति ऐसा रवैया होगा उनकी संख्या करोड़ों अरबों में होगी जबकि हमें समझना चाहिए कि पहले इधर ठीक इसी तरह हमें पहले अपने सेवा कार्यों पर ध्यान देना चाहिए और तब पैसों की उम्मीद करनी चाहिए अपने आपको कभी पैसों से मत जोड़ें बल्कि परिश्रम कार्य सेवा सपनों और उन्हें साकार करने की इच्छा से जुड़े आप ऐसा करके देखें और फिर देखिये क्या आपके पास कितनी प्रचुर संपत्ति और समृद्धि आती है समृद्धि भी परस्पर विनिमय के नियम पर ही आधारित है कोई भी व्यक्ति जो समृद्धि के लिए परिश्रम और योगदान करता है वो स्वयं को समृद्ध बनाता है कभी कभी ऐसा हो सकता है के परिणाम आपको उन लोगों से ना मिले जिनकी आप सेवा कर रही है बल्कि किसी और जगह से मिले क्योंकि ऐसा नियम है प्रत्येक या की समान और विपरीत प्रतिक्रिया होती है 30 दिन की परीक्षण अवधि से एक 1 दिन करके गुजरते हुए हमेशा ध्यान में रखिए क्या आपकी सफलता हमेशा उस सेवा के परिणाम और गुणवत्ता से मापी जाएगी जो अपने लोगों को उपलब्ध कराई है और पैसा सिर्फ इस सेवा को मापने का एक पैमाना हैं कोई भी व्यक्ति तब तक समृद्ध नहीं बन सकता जब तक वो औरो को समृद्ध ना करें इस नियम में कोई अपवाद नहीं है एक बार यदि यह नियम अच्छी तरह समझ लिया जाये तो कोई भी विचार मान व्यक्ति अपना भाग्य स्वयं बदला सकता है यदि वो और अधिक चाहता है तो उसे लोगों को और अधिक सेवा उपलब्ध करानी होगी और यदि वो और कम की चाहत रखता है तो उसे सेवा के परिवार में भी कमी करनी होगी यही वो मूल्य हैं जिसे आपको अपनी इच्छा और जरूरतों के लिए चुकाना होगा यदि आप सोचते हैं की आप औरों को दरकिनार कर स्वयं को संबद्ध कर लेंगे तो ये आपकी भूल है जैसे आप स्वयं को ही दरकिनार करने के ये बिल्कुल सांस लेने और छोड़ने की तरह जैसा सच है क्या आप जितना कुछ देंगे उतना ही आपको वापस मिलेगा आप इस नियम को पलट सकते है ऐसा कभी भूलकर भी मत सोचियेगा क्योंकि ये असंभव है एक जाने वाले मनोचिकित्सक ने ये सफलता पाने के लिए छह सूत्री उपाय बताए पहला एक निश्चित लक्ष्य निर्धारित करें दूसरा अपने को कम आंकने वाली नकारात्मक सोच को त्याग दें तीसरा उन सभी कारणों पर विचार करना बंद कर दें जो आशंका जताते हैं की आप सफल नहीं हो सकते इसके स्थान पर उन कारणों के बारे में सोचें जो आपको सफल होने का विश्वास दिलाते हैं अगर नकारात्मक विचार ही आप पर हावी है तो अपने बचपन के दिनों तक पीछे लौटकर उन कारणों को ढूंढ निकालने की कोशिश करें जिनकी वजह से पहले पहले ये बात आपके मन में बैठ गयी की आप सफल नहीं हो सकते किसी ऐसे व्यक्ति का वर्ण लिखकर जैसे आप आदर्श रूप में अपनाना चाहते हैं अपने विषय में अपनी धारणा को बदलें आपने जिसपे आदर्श सफल व्यक्ति का अनुसरण करने का फैसला किया है उसकी जगह पर स्वयं को रखकर सोचें और उसका अभिनय करें मानव सभ्यता के ज्ञात इतिहास की शुरुआत से ही विशेषज्ञ लोगों ने जो कुछ कहा है उसको अपनाने की कोशिश करें आप जैसा बनना चाहते हैं वैसा बनने की कीमत चुकायें ये काम निश्चित रूप से उतना मुश्किल नहीं है जितना कि एक असफल नाकाम व्यक्ति के रूप में जीवन जीना 30 दिनों का परीक्षण पूरा करें इसे दोहराएँ और फिर दोहराये हर बार ये आदतें आपके भीतर आत्मसात् होनी चाहिए की ज्यादा से ज्यादा और 1 दिन ऐसा भी आएगा जब आप आश्चर्य करेंगे कि आप किसी और ढंग से कैसे जीवन व्यतीत कर रहे थे इस नए ढंग से जीवन जीएं और प्रचुरता का द्वार आपके समक्ष खुल जाएगा और चारों ओर से सुख समृद्धि की ऐसी वर्षा होगी जिसके बारे में कभी आपने सपने में भी नहीं सोचा होगा पैसा भरपूर मिलेगा लेकिन इससे भी ज्यादा महत्वपूर्ण है कि आप को शांति मिले और ये नियम अपनाकर आप उनके नहीं चुने लोगों में शामिल हो जाएंगे जो शांत आनंदपूर्ण और सफल जीवन व्यतीत कर रहे हैं आज से ही आरंभ कीजिये याद रखिये खोने के लिए आपके पास कुछ नहीं है जबकि पानी के लिए बिल्कुल नया जीवन आपके
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